कवि हमीरजी चारण कच्छ सौराष्ट्र
चाळकनेची चामुंडा
दोहा
गंगा गया काशी गया, पावन किया निपाइ
जग अभया विजया जया, अमया खमया आइ।
वीमळा कमळा वीजळा, चख भूंभळा सुचंग
महिला अकळा मंगळा, सकळ कळा शिवसंग।
अवरी अमरी अपशरी, शीकोतरी शकत
आशापुरी अगोचरी, माहेशरी महत्त।
जगहरणी करणी जगत, सुर सामण सुभेद
अशरण शरणी अपरणी, वे वरणी चत्रवेद।
छंद त्रिभंगी
वेदां वचाणी पढे पुराणी, क्रोड़ विनाणी कतियांणी
के काम कामांणी अकह कहांणी, जय सुररांणी जगजांणी
भाखे ब्रह्मंणी तू मन भांणी, अविरल वांणी ऊदंडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 1।
आसापुरा आई देव दुगाई महण मथाई मंहमाई
सतसील सदाई जुध जेताई, गाढ वढाई गरवाई
दैतां दुःखदाई सुरां सहाई, खिती उपाई नवखंडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 2।
सेवे ब्रह्मत्ती जत्ती सत्ती, आद सगत्ती अवगत्ति
पावन प्रकत्ती वेद वकत्ति, तूं सुरसत्ती त्रिसगत्ति
मंहमाय मुरत्ती उत्तम अत्ती, सत्ती पत्ति पतसंुडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 3।
सुंदर हंसलाळी सदासुखाळी, रम्मतियाळी रतियाळी
कोयला गिरवाळी घरण कमाळी, बूढ़ी बाळी, बिरदाळी
त्रिपुराचर ताळी मन मछराळी, पाप प्रजाळी परचंडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 4।
केहरी असवारी अकन कुंवारी, मास अहारी मेवारी
धन पुहच तुहारी अज अवतारी, तू भवनारी भवतारी
पीयण रत पाडा मारण जाडा, अहर अराडा अरिथंडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 5।
माता मातंगी उत्तम अंगी, बाण सुचंगी वेदंगी
त्रिचख अरथंगी लहर तरंगी, निज भेदंगी नादंगी
निहकळ निकळंगी रिध सिध रंगी, अजा उमंगी ऊदंडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 6।
वीरां रा टोळां साथ सबोळां, झूल झकोलां रमझोळा
धूपां ढगसोळां नित्त उधोळाख् होय किलोळा हींगोळा
जोगण खेखट्टा रूप विकट्टा, खेल झपट्टा खळखंडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 7।
उतरे आकासं विवरे वासं, वळे विलासं कवलासं
वडवडज्ञ तामसं हास हुलासं, जोत प्रकासं ऊजासं
जग व्यापक जोई कळे न कोई, पारन होई पाखंडा
रवराय रवेची मुहमाडेची, चाळकनेची चामुंडा। 8।
छप्पय
चालराय चामुंडा, माड मांडण महमाया
चरताली चंडिका कालिका कायम काया
नवनेता भवनारि, नवे दुर्गा नव निद्वी
इम हमीर उच्चरे, शरम राखे हरसिद्धी
सावित्री गौरि लखमी शकति, गुण रजतमो सतोगुणी
वीस हथी धन्यधारी वडम, जय जालंपा जोगणी।

Hukum bhaut badiya, mata ji ka ithias musalmano ke aane se pahele bada vishal, maa ki vajay se charan samaj bach gaya, kripya maa ke ithias ke baare me bataaye chalaknech ji humari kuldevi mein aashiya charan hun Rajasthan se
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